अधिकतर' का अर्थ
बोलचाल में शब्दों का लगातार प्रयोग करते रहने पर कुछ शब्दों को लेकर यह विश्वास जम जाता है कि जैसा उपयोग किया जा रहा है वही सही रूप है जबकि वह गलत होता है और प्रचलन में जम जाने के कारण सही बन बैठता है। अनेक बार शब्द के हिज्जों की जानकारी न होने से भी यह स्थिति पैदा हो जाती है। इसका एक उदाहरण है "अधिकांश"। अधिक और अंश से मिलकर यह बना है। अंश यानी हिस्सा, भाग। यदि हिस्सों के भागों की बात हो यानी एक से अधिक हिस्सों की तो क्या करेंगे? दरअसल एक और शब्द है, इसी अर्थ का- अधिकतर। दोनों में फर्क यह है कि उन शब्दों के साथ जो मात्रा, सीमा का अर्थ देते हैं, "अधिकांश" का उपयोग किया जाता है। न गिनी जा सकने वाली बात के लिए। "अधिकांश टंकी खाली रह गई" जबकि "अधिकतर गिलास खाली रह गए।" "अधिकांश" इकाई के अर्थ में एक वचन ही है जबकि "अधिकतर" गिनी जा सकने वाली वस्तुओं के लिए बहुवचन में ही उपयोग किया जाता है। "अधिकांश खेत सूखा पड़ा है" लेकिन "अधिकतर खेत सूखे पड़े हैं" में उपयुक्त तथ्य पर ध्यान दीजिए। "सभा से "अधिकांश" लोग चले गए" सही नहीं है। सही है सभा से अधिकतर लोग चले गए। "अधिकांश आदमी" का अर्थ होगा "आदमी का एक बड़ा हिस्सा" जबकि "अधिकतर" आदमियों का अर्थ संख्या की ओर इशारा करता है। उसका अधिकांश तर्क निराधार है। या "उसके अधिकतर तर्क निराधार हैं" से भी अधिकांश और अधिकता का भेद समझ में आ सकता है। सारा मामला अंश और संख्या के भेद पर टिका है। संख्या होगी तो एक से अधिक यानी बहुवचन का सवाल होगा। जबकि अंश में बहुवचन का तब तक सवाल नहीं उठेगा जब तक कि एक से अधिक अंशों की बात न की जा रही हो।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें