गुरुवार, 16 सितंबर 2010

थोक में गायक पैदा करती टेक्नोलॉजी

थोक में गायक पैदा करती टेक्नोलॉजी


नए जमाने में हम ज्यादा संगीतमय हो गए हैं... ज्यादा सुरीले या फिर ज्यादा प्रतिभा लिए पैदा होने लगे हैं...? जिस गति से गली-गली से "कलाकार" निकलकर टैलेंट हंट्स और रेकॉर्डिंग स्टूडियोज को आबाद कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है। सुर सधे या न सधे ये गा रहे हैं, इनके एलबम पर एलबम बाजार में आ रहे हैं, बिक रहे हैं, बज रहे हैं और गायकों के साथ-साथ म्यूजिक कंपनियों को भी मालामाल कर रहे हैं। यह सिलसिला हमारे यहाँ अब शुरू हुआ है लेकिन पश्चिम में जरा पहले ही आ गया था। पहले किसी गायक के बेसुरा होने पर कटाक्ष के रूप में कहा जाता था कि "आजकल तो कोई भी गायक बन जाता है" लेकिन अब यह एक वैज्ञानिक वास्तविकता बन गई है कि वाकई कोई भी गायक बन सकता है। कुकुरमुत्तों की इस पौध को उगाया है करिश्माई सॉफ्टवेयर की बरसात ने।

जी हाँ, अब ऐसे-ऐसे सॉफ्टवेयर आ गए हैं कि जिन्हें बाथरूम में गाते हुए भी शर्म से डूब मरना चाहिए, वे भी रेकॉर्डिंग स्टूडियो में शान से "सिंगर" का ओहदा पा रहे हैं। सुर-ताल में जो भी खामी-खराबी हो, कम्प्यूटरजी सब ठीक कर देते हैं। बेसुरों के लिए एक ऐसा ही तकनीकी वरदान है "ऑटो-ट्यून"। इस ऑडियो प्रोसेसर की खासियत यह है कि जब भी गाने या बजाने वाले का सुर गड़बड़ा जाता है, यह बड़ी कुशलता से उस पर पर्दा डाल देता है। सुर से भटके स्वर को यह वापस सही (या सबसे करीबी) सुर पर ले आता है। इसी तरह "इम्प्रूवॉक्स" नामक सॉफ्टवेयर आपकी गलत जा रही "पिच" को सही करके रेकॉर्ड करेगा। आश्चर्य की बात तो यह है कि टेक्नोलॉजी की मदद से नए-नवेले "गायक-गायिकाएँ" तो स्वयं को स्थापित कर ही रहे हैं, कई स्थापित कलाकार भी अपने गायन को बेहतर बनाने के लिए इसका सहारा ले रहे हैं। पश्चिम में कुछ नामी कलाकारों द्वारा अपनी आवाज के कम्प्यूटरी "सुधार" का भांडा फूटने के बाद श्रोता अब किसी भी नए एलबम को सुनते वक्त असमंजस में रहते हैं कि जो वे सुन रहे हैं, वह वाकई उनके पसंदीदा गायक/गायिका का ही गायन है या टेक्नोलॉजी की करामात! कई गायकों और संगीतकारों ने टेक्नोलॉजी के इस तरह इस्तेमाल को गलत करार दिया है, तो कुछ गायकों ने बाकायदा अपने एलबम पर इस बाबद घोषणा भी कर दी है कि इस एलबम में किसी प्रकार का तकनीकी घालमेल नहीं किया गया।

"वोकलॉइड" नामक सॉफ्टवेयर तो इससे भी आगे जा पहुँचा है। आप अपनी आवाज का नमूना दीजिए, गीत के बोल और धुन भी "फीड" कर दीजिए और आराम से बैठ जाइए। यह सॉफ्टवेयर बाकायदा आपकी आवाज में वह गीत तैयार कर देता है। सुनने वाले यही समझेंगे कि आपने बड़ी मेहनत से गीत गाया है। यानी काम तकनीक का और नाम आपका! तो बोलिए, फिर क्यों न हर कोई चल पड़े सिंगर बनने...?

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