“सच है देश भक्ति लौ पर बलिदान पतंगा होता है मृत्यु भयभीत नही करती जब हाथ तिरंगा होता है ” प्रताप फौजदार
..कविता क्यों कि सीधे दिल में उतरती है और/ देर तक उसमें रह सकती है/ कविता क्यों कि दुर्गम से दुर्गम भाव-भूमि पर /सीना ठोंक कर आगे बढ़ सकती है/ कविता क्यों कि पढ़े बे-पढ़े सब की ज़बान पर आसानी से चढ़ सकती है/ कविता क्योंकि गीत बन सकती है/नारा बन सकती है/ किसी आन्दोलन का झंडा बन सकती है/ कविता क्यों कि जड़ होती परम्पराओं/ हर तरह के अन्यायों और साज़िशों के खिलाफ/ पहरेदार का डंडा बन सकती है/ कविता क्यों कि लोगों को जगा सकती है/ ... अभिरंजन कुमार
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