मंगलवार, 28 सितंबर 2010

यही है जिंदगी
एक आस्था एक विश्वास है जिंदगी।
एक पूजा एक प्रार्थना है जिंदगी॥
स्कूल जाते बच्चे के लिए स्कूल है जिंदगी।
तो वहीं पन्नाी बिनने वाले के लिए पन्नाी है जिंदगी॥
घर पर रहने वाली माँ के लिए मिर्ची का छौंक है जिंदगी।
तो कामकाज करने वाली मेम के लिए लैपटॉप का बोझ है जिंदगी॥
खेतों में काम करने वाले किसान बापू के लिए हल है जिंदगी।
तो ऑफिस वर्क के लिए यूएस गए डेड के लिए वेब कैमरा है जिंदगी॥
कभी शांत तो कभी ज्वाला की लपटें हैं जिंदगी।
पर डर मत मेरे यार थाम इसका हाथ, क्योंकि
एक महकता, छलकता, दिलकश जाम है जिंदगी।
जिसे पीकर अपनी हर ख्वाहिश को पूरा करने का नाम ही है जिंदगी॥
अंकित छाजेड़

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