मुलाहिजा फरमाएँ :
खुदा जाने ये हुस्न वाले चश्मा क्यूँ लगाते हैं,
इन्होंने किया है क्या ऐसा, जो ये आँखें चुराते हैं।
अमर प्रेम :
पत्नी : अगर मैं मर जाऊँ तो तुम क्या करोगे?
पति : मैं भी मर जाऊँगा।
पत्नी : क्यों?
पति : कभी-कभी ज्यादा खुशी भी जान ले लेती है।
एक सहेली ने दूसरी सहेली से कहा : अगले महीने मैं अपनी तीसरी शादी कर रही हूँ।
दूसरी सहेली : अच्छा। तुम्हारे पहले दो पतियों का क्या हुआ?
पहली सहेली : एक भगवान को प्यारा हो गया, दूसरा पड़ोसन को प्यारा हो गया।
लड़की (लड़की से) : कोई ऐसी बात कहो, जिसे सुनकर दुःख भी हो, खुशी भी हो।
लड़की : आई लव यू भैया।
तंदुरुस्ती वह चीज है, जिससे आपको यह मामुलाहिजा फरमाएँ :
खुदा जाने ये हुस्न वाले चश्मा क्यूँ लगाते हैं,
इन्होंने किया है क्या ऐसा, जो ये आँखें चुराते हैं।
र्णिव
अमर प्रेम :
पत्नी : अगर मैं मर जाऊँ तो तुम क्या करोगे?
पति : मैं भी मर जाऊँगा।
पत्नी : क्यों?
पति : कभी-कभी ज्यादा खुशी भी जान ले लेती है।
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